जन्म कुण्डली में अनफा योग
꧁❀“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”❀꧂
अनफा योग
यदि कुंडली में चंद्रमा के भाव से एक भाव पीछे कोई ग्रह स्थित हो तो कुंडली में अनफा योग बनता है। इसमें सूर्य का विचार नहीं किया जाता है। यदि चंद्रमा के पिछले घर में केवल सूर्य स्थित है, तो यह योग नहीं बनेगा। उसके साथ कोई दूसरा ग्रह का होना जरूरी है। ऐसे में ऐसे जातक सुंदर, बलवान, विद्वान, गुणवान और मृदुभाषी होने के साथ अधिक प्रसिद्धि पाता है। वह शरीर से सुडौल और गठीले होते है।
मंगल में अनफा योग का फल
यदि कुंडली में चंद्रमा से बारहवें भाव में मंगल स्थित होता है, तो मंगल में अनफा योग बनता है। जिन जातकों की कुंडली में ये योग बनता है उनके अंदर राजनेता बनने के गुण होते हैं। यह काफी तेजस्वी होते है और अपने बलबूते प्रसिद्ध, मान-सम्मान पाते हैं।
बुध में अनफा योग फल
यदि चंद्रमा के पिछले घर में बुध है और अनफा योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में जातक काफी चतुर होते हैं इन्हें राजसुख मिलता है। यह लोग लेखक, वक्ता, कवि, गायक आदि बनते हैं।
गुरु में अनफा योग का फल
अनफा योग गुरु में बनने से व्यक्ति काफी मेधावी होता है। अपनी बुद्धिमत्ता के बल से हर तरह वाहवाही लुटता है। इन्हें राजकीय सम्मान मिलता है।
शुक्र में अनफा योग का फल
यदि शुक्र में अनफा योग बनता है, तो जातक को काफी प्रसिद्धि मिलती है। यह लोग कवि बनते हैं। हर कोई इन्हें पसंद करता है।
शनि में अनफा योग का फल
शनि से अनफा योग बनता है, तो वह व्यक्ति काफी गुणी और प्रभावशाली होता है अपने भाग्य से वह हर क्षेत्र में सफलता पा लेता है। इसके साथ ही संतान की ओर से भी खुशियां ही खुशियां मिलती है।
॥ श्रीरस्तु ॥
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श्री हरि हरात्मक देवें सदा, मुद मंगलमय हर्ष।
सुखी रहे परिवार संग, अपना भारतवर्ष॥
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┉ संकलनकर्ता ┉
श्रद्धेय पंडित विश्वनाथ प्रसाद द्विवेदी
‘सनातनी ज्योतिर्विद’
संस्थापक, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
(‘हरि हर हरात्मक’ ज्योतिष)
संपर्क सूत्र – 07089434899
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